Tuesday, January 6, 2015

" बी फ्री " ... !!


आलता
इत्र
लाल रीबन,
 
वो लड़की कहती थी
तुमने इन सब के अलावा भी
बहुत कुछ दिया है मुझे
एक अौरत की धुमिल होते मर्यादा के
उस पार की देह
कोल्हू के बैल के व्यास से
बरसों से बंधे रहने का निजादपन
एक ख्वाब
जिनमें चिनार के हरे पेड़ थे
जहाँ मैं
बेड़ियों से बंधे अपने जिस्म की
थकान मिटाने
कभी कभी जाया करती थी
साड़ियों में बरसों से लपेटी
कभी कैफ्री और टी-शर्ट में
देहलीज लांघ के वहां घूम आती थी
वही टी-शर्ट जिसे तुमने दिया था मुझे
जिसके फ्रंट साइड पे " बी फ्री "
बड़े बोल्ड अक्षरों में लिखा था

" बी फ्री "
हँसी आती है
आज मुझे इन शब्दों पे
तुमसे बिछड़ने के बाद तो
इन शब्दों के मायने ही बदल गए मेरे लिए
हाँ
इतने दिनों में मैंने जाना है
एक अौरत को
उसका प्यार ही उसको ठीक से समझ सकता है
उसके मन के अंदर के परिन्दे को
वो ही सिर्फ उड़ान दे सकता है
और कोई नहीं
बाकी सबके लिए तो
हम लडकियाँ महज एक अौरत है !!


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