Thursday, October 10, 2013

गृहस्थ खोते गृहस्थी ..



अजी सुनते हो ..
क्या है,
मैंने कहा आप न ऑफिस से लौटते वक़्त
कुछ हरी सब्जी
और
वही मेज पे पड़ी है कुछ
किचन के सामान की लिस्ट है
वो लेते आना,

अच्छा और भी कुछ है क्या ?

हाँ है न ,
आप का लंच बाक्स वही तैयार कर के रखी है
भूल मत जायेगा
शूज भी पोलिस कर दी हूँ
कपड़े भी प्रेस करके वही बिस्तर पे रखे है
सुनो मैं ना आज नीली वाली शर्ट निकली दी है
वही पहन के जाना
हाँ उस कमीज का एक बटन टुटा हुआ है
मैं अभी आ रही हूँ टांक दूंगी
बस ब्रेड टोस्ट कर लिया है
चाय उबलने वाली है
उबलते ही लेके के आ रही हूँ
तब तक आप तैयार हो लो

थोड़ी देर बात

गुस्से से आप न अभी तक तैयार नहीं हुए
हद कर दी
चलिए जल्दी से कमीज पहन लीजिये मुझे बटन टांकने है
बटन टांकते वक़्त ...
जानते हो आप न हमेशा बच्चे ही रहोगे
मुझे लगता है यूँ ही रोज तैयार करना पड़ेगा आपको

अब मैंने कहा ..
क्या करे बीबी आपकी आदत सी हो गई
रोज सुबह जो आपकी इतनी बातें सुनने को न मिले
तो जैसे लगता है कुछ गड़बड़ है
फिर मैं सारा दिन परेशान रहता हूँ
आपका इतना प्यार बीबी मुझे क्या बोलू

अरे जो बोलना है बोल दीजिये
वैसे मैं सब समझती हूँ
ये मस्का मत लगाइए
आपको जाते वक़्त जो चाहिए वो भी मिल जायेगा

मैं फिर बोला  .. अरे पगली
यही तो तेरा प्यार है
जो बिना बोले मेरे आप सब समझ जाती है

ऑफिस जाते वक़्त
फिर बीबी ने अपना प्यार दिया
और मैं हँसी ख़ुशी अपने ऑफिस को निकल गया ..

शाम में
उसके दिए लिस्ट के सामान
सब्जी और एक प्यारा गिफ्ट उनके लिए
मैं लेके आया
जिसे देख वो बहुत खुश हुई
आँखें उनकी भर आई
और आई लव यू करके गले लगा लिया ..

इतना प्यार बीबी का देख
जैसे मुझे यूँ लगा आज मुझे सब कुछ मिल गया ..

लेकिन ये कहानी मैंने यूँ नहीं सुनाई है  .. इसके पीछे एक बहुत ही प्यारा सा मकसद है .. दरसल आज मैंने ऐसे कई गृहस्थ जीवन को पास से देखा जहाँ पति-पत्नी के बीच से प्यार नदारत हो चुके है, मैं आज अपने शब्दों के सहारे उन्ही को ढूंढने को निकला हूँ ताकि हर कोई मेरे काल्पनिक सोच की तरह सुखमय जीवन जी सके .. और जब घर परिवार खुश तो आप सोच लो आगे क्या हो सकता है ..

वैसे कहने तो आज पति-पत्नी दोनों साथ तो रहते है पर एक दूसरों से काफी दूर .. जहाँ पत्नी घर और बाहर का हर छोटे से बड़े हर काम करते करते परेशान रहती है और पति सिर्फ पैसे कमा के देने पे रोब झाड़ने में लगा रहता है .. ऐसे मानसिकता से ग्रस्त हो चुके है पुरुष मैं मानता हूँ आपको पैसे कमाने के बहुत सारे तनाव रहते है जिसके कारण ऐसा करते है पर तनाव को दूर करने का सोचिये उसको दिल में जगह देना का नहीं ! आपकी पत्नी भी तो आपके गृहस्थ जीवन की हिस्सेदार है वो भी सुबह से शाम कर देती है आपकी छोटी छोटी हर ज़रूरत को पूरा करते करते उसका क्या ? वो तो कभी आप पे रोब नहीं दिखाती हाँ पर आपसे हमेशा थोड़ा सा प्यार मांगती है जिससे वो हर अगले सुबह उसी समर्पण के जज्बे से दैनिक कार्य को कर सके .. मैं तो कहूँगा आप अपने पुरुषार्थ के खोखली कमीज उतार कर अपने तनाव का चोला फेंक कर थोड़ा अपने पत्नी को समझे और खुद को भी समझने का उसे मौका दे .. फिर देखे जिंदगी जीने में क्या मज़ा आता है .. ये आजमाया हुआ नुस्खा है, कारगर होगा आप सब के लिए भी !!

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